जेंडर के ढाँचे से जूझता मेरा बचपन
यह लेख मूल रूप में फेमिनिज्म इन इंडिया में प्रकाशित हुआ था। शशांक मैं बचपन से ही बहुत ही नटखट, चुलबुला और थोड़ा अलग बच्चा था| मेरी माँ फिल्मों और गानों की बहुत शौक़ीन थी| माँ के दुपट्टे की साड़ी पहनना, नाचना-गाना, मेरे बचपन के खेल थे| कभी मेरे दादा तो कभी कोई पड़ोस की…