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चाय पीते–पीते अचानक बारिश की बूंदों की आवाज़ सुनाई दी। मैं ख़ुशी से बाहर झाकने लगी और तुमसे मैंने कहा…
ख्वाबों को बुनान और उसके साथ खेलना – एक अलग ही अहसास है। तुम राजा, तुम रंक। तुम लेखक तुम निर्देशक। तुम्हारा बस चलता है। हम सब के अंदर अलग ख्वाब भरे हुए हैं।
मैं अलग हूँ, कैसे? तुमने पूछा | मैंने तुम्हें लौटाया, खाली हाथ, बैरंग, छूछा | मेरा प्रेम बद्ध…
बदलाव का एक निर्माण खंड कुछ ऐसे उदहारण प्रस्तुत करना है कि सार्वजनिक स्थानों पर लोगों का सकारात्मक व्यवहार कैसा होना चाहिए | उन्हें देख कर पता चलता है कि किस तरह समुदाय के सभी लोग – चाहे मित्र हों या परिचित – कैसे सौहार्दपूर्वक प्रगतिशील जीवन जीते हैं।
मेरी कल्पना में… मैं उड़ती नहीं …
मगर तोड़ी हैं बेड़ियाँ उन कल्पनाओं के पीछे…
देखें हैं सपने जिन्हें बुना था मैंने अपनी कल्पनाओं में,
क्यूंकि नींद तो खेल रही थी दूर कहीं मेरे बचपन के साथ
और उठाए थे कदम मेरी सच्चाई पर पड़े हिजाब उतारने के लिए…
मैं 9वीं कक्षा में थी, जब लोग मेरे शरीर के बारे में जो कहते थे वह मेरे अंदर उतरने लगा। मैंने पहली बार रुककर ध्यान दिया कि दूसरों की नज़र में मैं कैसी दिखती थी। यह अपने बारे में सचेत होने की शुरुआत थी, और ख़ुद से असहज होने की भी।
एक तो यह समझ नहीं आता की आखिर इसे मेनोपॉज़ क्यों कहते हैं? पॉज़ का मतलब तो यह होता है कि किसी चीज़ का कुछ समय के लिए रुकना और आप के चाहने पर दोबारा शुरू हो जाना। मेरे विचार से तो इसे मेनोस्टॉप कहा जाना चाहिए!
मेट्रो ट्रेन, दिल्ली शहर और यहाँ के जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुकी हैं। आज मेट्रो के बिना दिल्ली…
यह बात 2013 की सर्दियों के समय की है। एक शाम मैं और मेरे पिता, घर की बैठक में सोफ़े…
अपने यौन रुझानो के आधार पर किसी भी तरह के भेदभाव के डर के बिना, अपनी यौनिकता को उन्मुक्त और स्वतंत्र रूप से प्रकट कर पाने को, यौनिक अधिकारों की श्रेणी में शामिल किया गया है।
यूँ तो विवाह और उससे जुड़े महिलाओं के ‘स्थान परिवर्तन’ को ‘प्रवसन’ का दर्ज़ा दिया ही नहीं जाता है, इसको एक अपरिहार्य व्यवस्था की तरह देखा जाता है जिसमें पत्नी का स्थान पति के साथ ही है, चाहे वो जहाँ भी जाए। पूर्वी एशियाई देशों में, १९८० के दशक के बाद से एक बड़ी संख्या में महिलाओं के विवाह पश्चात् प्रवसन का चलन देखा गया है जिन्हें ‘फॉरेन ब्राइड’ या विदेशी वधु के नाम से जाना जाता है। इन देशों की लिस्ट में भारत के साथ जापान, चीन, ताइवान, सिंगापुर, कोरिया, नेपाल जैसे कई देशों के नाम हैं। यदि विवाह से जुड़े प्रवसन को कुल प्रवसन के आकड़ों के साथ जोड़ा जाए तो शायद ये महिलाओं का सबसे बड़ा प्रवसन होगा।
यूँ तो विवाह और उससे जुड़े महिलाओं के ‘स्थान परिवर्तन’ को ‘प्रवसन’ का दर्ज़ा दिया ही नहीं जाता है, इसको एक अपरिहार्य व्यवस्था की तरह देखा जाता है जिसमें पत्नी का स्थान पति के साथ ही है, चाहे वो जहाँ भी जाए। पूर्वी एशियाई देशों में, १९८० के दशक के बाद से एक बड़ी संख्या में महिलाओं के विवाह पश्चात् प्रवसन का चलन देखा गया है जिन्हें ‘फॉरेन ब्राइड’ या विदेशी वधु के नाम से जाना जाता है।
अलग-अलग शौचालय बनाने के अपने लाभ हैं, विशेषकर जब कि एक जेंडर को दूसरे जेंडर से खतरा महसूस होता हो। लेकिन इस पूरे कृत्य को सामान्य बना देने और इसे जेंडर भेद से दूर करने से संभव है कि महिलाओं को, जहाँ कहीं भी वे हों, प्रयोग के लिए आसानी से शौचालय उपलब्ध हो सकें।
वेरोनिका विडाल व् सुज़न टोलमे द्वारा संपादकीय नोट – इन प्लेनस्पीक के इस अंक में हम ‘समुदाय एवं यौनिकता’ के…