A digital magazine on sexuality, based in the Global South: We are working towards cultivating safe, inclusive, and self-affirming spaces in which all individuals can express themselves without fear, judgement or shame
एक तो यह समझ नहीं आता की आखिर इसे मेनोपॉज़ क्यों कहते हैं? पॉज़ का मतलब तो यह होता है कि किसी चीज़ का कुछ समय के लिए रुकना और आप के चाहने पर दोबारा शुरू हो जाना। मेरे विचार से तो इसे मेनोस्टॉप कहा जाना चाहिए!
मैं 9वीं कक्षा में थी, जब लोग मेरे शरीर के बारे में जो कहते थे वह मेरे अंदर उतरने लगा। मैंने पहली बार रुककर ध्यान दिया कि दूसरों की नज़र में मैं कैसी दिखती थी। यह अपने बारे में सचेत होने की शुरुआत थी, और ख़ुद से असहज होने की भी।
बदलाव का एक निर्माण खंड कुछ ऐसे उदहारण प्रस्तुत करना है कि सार्वजनिक स्थानों पर लोगों का सकारात्मक व्यवहार कैसा होना चाहिए | उन्हें देख कर पता चलता है कि किस तरह समुदाय के सभी लोग – चाहे मित्र हों या परिचित – कैसे सौहार्दपूर्वक प्रगतिशील जीवन जीते हैं।
ख्वाबों को बुनान और उसके साथ खेलना – एक अलग ही अहसास है। तुम राजा, तुम रंक। तुम लेखक तुम निर्देशक। तुम्हारा बस चलता है। हम सब के अंदर अलग ख्वाब भरे हुए हैं।
कुछ अधिकार ऐसे होते हैं, जिन्हें जब तक छीन न लिया जाए, उनके होने का एहसास ही नहीं होता। तुम्हारे लिए किसी लड़की को पसंद करना, प्यार में पड़ना, उनके बारे में अपने दोस्तों से और परिवार वालों से बात करना बिलकुल स्वाभाविक है। तुम जैसा सोचते हो, जैसा महसूस करते हो वह आसानी से कह सकते हो।
मेरी सफलता के बारे में और उस पर मेरे अविवाहित होने की बात सुनकर अधिकांश पुरुष मेरे प्रति कुछ अधिक जिज्ञासु हो जाते है जबकि महिलाएं मेरे अविवाहित होने के बारे में सुनकर कुछ और ज़्यादा सवाल करने लगते हैं।