उन्मुक्त स्वछंद व्यवहार और लोगों की प्रतिक्रिया – एक मेट्रो यात्री की नज़र से
इस घटना नें मुझे हिलाकर रख दिया था। मुझे महसूस हुआ कि हमारे समाज में जहां सामान्य से हटकर किसी भी तरह के व्यवहार को मान्य नहीं समझा जाता, वहाँ लोगों को सिर्फ अपने जेंडर और यौनिकता की अभिव्यक्ति करने की भी कितने बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है। समाज के इस असहनशीलता से मेरे मन में डर का जो भाव पैदा हुआ, वह मेरे लिए कोई नया नहीं था।