K F
An open letter to a former friend
(Tread gently. This article contains material on sexual assault) Dear A, I don’t know why I’m writing this. Maybe it…
By K F
June 15, 2020
कभी दोस्त रहे एक व्यक्ति के नाम खत
अब मैं बार–बार पीछे मुड़कर देखने और अंजान आदमियों के भय से डरी रहने से भी थक चुकी हूँ। मेरे मन में हमेशा यह डर बना रहता है कि मेरी शारीरिक सीमायों का कोई उल्लंघन न कर दे और साथ ही मैं अब लोगों को अपने से दूर रखते रहने की कोशिश करते हुए भी थक चुकी हूँ।
By K F
April 5, 2021