Imran Khan
सेक्शूऐलिटी और जलवायु परिवर्तन के कारण जलवायु आपदाओं के बीच का रिश्ता भले ही सीधा न दिखाई दे, लेकिन यह बेहद गहरा और महत्वपूर्ण है।
सबसे ख़ूबसूरत बात यह है कि समावेशी दोस्ती समाज में भी बदलाव लाती है। जब दोस्त एक-दूसरे को बिना भेदभाव अपनाते हैं, तो यह उदाहरण बनता है और धीरे-धीरे एक ऐसी संस्कृति का निर्माण होता है जहाँ विविधता को सम्मान और स्वीकार्यता मिलती है।
पितृसत्ता ने मर्दानगी को विषमलैंगिकता और यौनिक वर्चस्व से जोड़ा है, जिससे पुरुषों पर ‘सच्चा मर्द’ बनने का दबाव बढ़ता है। यह न केवल समलैंगिक और द्विलैंगिक पुरुषों को हाशिए पर डालता है, बल्कि विषमलैंगिक पुरुषों के लिए भी यौनिक अभिव्यक्ति को सीमित करता है।
भाषा सिर्फ अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं है, यह पहचान, संबंध और संघर्ष का भी ज़रिया है। भाषा सामाजिक संरचना, पहचान और सत्ता-संबंधों को दर्शाने का भी औज़ार है।
जलवायु परिवर्तन का नाम सुनते ही हमारे मन में केवल पर्यावरण और अर्थव्यवस्था का विचार आता है, लेकिन इसका ग़हरा संबंध हमारी मानसिक सेहत और यौनिकता से भी है
क्वीयर मर्दानगी एक वैकल्पिक मर्दानगी है जो पितृसत्तात्मक और विषमलैंगिक मानदंडों को अक्सर चुनौती देती है और मर्दानगी के स्वरूप को अधिक समावेशी बनाती है।