Ashmeet K. Bilkhu
यौन संबंध और समाज – अभिव्यक्ति की कल्पना
मानव जीवन का एक अभिन्न अंग है, यौनिकता। यौनिकता केवल शारीरिक या भौतिक स्तर पर ही सीमित न होकर हमारी सोच,…
By Ashmeet K. Bilkhu
November 16, 2020
पुस्र्षत्व का बोध – सूची की नज़र से
अस्वस्थ्य मर्दानगी या विषाक्त पुरुषत्व का हिंसक होने के लिए ज़रूरी नहीं है कि जाहिर तौर पर मौखिक या शररिक रूप से घातक हो। इसके लक्षण रोज़मर्रा के वार्तालाप या अंतरंग बातचीत से भी सामने आते है।
By Ashmeet K. Bilkhu
October 15, 2019
समाज में यौनिकता और आत्मीयता की मीमांसा
यौनिकता पर संलाप या डिस्कोर्स नया नहीं है। समाज में हर प्रकार के विशेषज्ञों ने इस पर चर्चा की है। विज्ञान से लेकर अध्यात्म तक यौनिकता के प्रसंग विशेषज्ञों को रिझाते रहे हैं।
By Ashmeet K. Bilkhu
February 15, 2019