यौन संबंध और समाज – अभिव्यक्ति की कल्पना
मानव जीवन का एक अभिन्न अंग है, यौनिकता। यौनिकता केवल शारीरिक या भौतिक स्तर पर ही सीमित न होकर हमारी सोच, अभिव्यक्ति और व्यवहार नीतियों को भी संबोधित करती है। क्योंकि मनुष्य केवल सामाजिक, राजनितिक, आर्थिक आदि न होकर लैगनिक भी होता है, इसलिए यौन संबंध में रुचि हमें लुभाती है और आकर्षित करती है। हमारे भीतर…