सिनेमा, संगीत और सहमति पर बातचीत
गाने अक्सर फिल्मों से अधिक लोकप्रिय होते है और अपने अलग ही मतलब का निर्माण करते हैं। इनका मतलब उनता ही विविध है जितना इनको सुनने वाले लोग। मैं यह बिल्कुल नहीं मानता कि हम जो फिल्म और चित्र देखते है उसका हमारे जीवन पर सीधा असर पड़ता है। हिंसक या अन्यथा मूर्खतापूर्ण कार्यों के लिए दोषी वह ही हैं जो यह कार्य करते हैं और वे जो उन्हें बेहतर शिक्षा दे सकते थे पर उन्होंने ऐसा नहीं किया। शिक्षा और बातचीत से हम युवाओं को सही समझ और बेहतर निर्णय लेने के लिए सक्षम बनाते हैं।