Shubhangi
पहचान और समावेशिता – क्वीयर समुदाय में द्वार पालन का चलन
शायद ये मेरा ख़ुद को यह समझाने और भरोसा दिलाने का प्रयास था कि हो न हो, मैं क़्वीयर लोगों के इस समाज का अभिन्न अंग हूँ और अगर मैंने परेड में लगने वाले सभी नारे याद कर लिए, उनकी बोलचाल के शब्द रट लिए, तो अगले साल की परेड मेरे लिए बहुत अलग होगी और मैं इसमें बढ़-चढ़ कर भाग ले पाऊँगी।
By Shubhangi
February 16, 2023
Of Identity and Belongings: The Gatekeeping within Queer Spaces
I went to a girls’ high school and for somebody who had spent the last ten years in a co-ed…
By Shubhangi
September 1, 2022