जीवन में किसी का साथ और सम्बन्ध एकाकीपन में नहीं पनपते
मालिनी छिब के लेख सेक्सलेस इन द सिटी (जिसमें मेरी कोई गलती भी नहीं) को पढ़ना एक रुचिकर अनुभव रहा और उनके लेख का वह भाग विशेष रूप से प्रभावशाली लगा जिसमें उन्होंने लिखा है कि विकलांग लोगों को देखकर ज़्यादातर लोगों के मन में यही ख्याल आता है कि ये सेक्स-विहीन लोग हैं जिनके…